महाकुंभ: 15 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी, कल टूटेंगे सभी रिकॉर्ड! जानें, मौनी अमावस्या पर महास्नान का पूरा शेड्यूल.

 महाकुंभ: 15 करोड़ लोगों ने लगाई डुबकी, कल टूटेंगे सभी रिकॉर्ड! जानें, मौनी अमावस्या पर महास्नान का पूरा शेड्यूल.                 Published by Ranjeet Kumar 28/01/25.    महाकुंभ के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ प्रयागराज में उमड़ रही है. कहा जा रहा है कि मौनी अमावस्या पर इतनी ज्यादा भीड़ होगी की अब तक के सारे रिकॉर्ड टूट जाए .अब तक कुल 15 करोड़ से ज्यादा लोग आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, जबकि कल एक ही दिन में 10 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा सकते हैं.

             Kumbhanagri photo 28/01/2025.      उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ जारी है. आस्था की डुबकी लगाने वालों की भीड़ उमड़ रही है. 17 दिनों से संगम में लोगों का तांता लगा हुआ है. अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा स्नान मकर संक्रांति के दिन हुआ. 15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. लेकिन भीड़ का ये आंकड़ा कल टूटने की संभावना है.... मौनी अमावस्या (29 जनवरी) पर 10 करोड़ से ज्यादा लोग आ सकते हैं. इस बीच आइए आपको बताते हैं कि कल मौनी अमावस्या पर महास्नान का शेड्यूल क्या रहने वाला है. 
29 जनवरी का पूरा शेड्यूल

- सुबह 5 बजे से स्नान का ब्रह्म मुहूर्त शुरू होगा.
- पहले महानिर्वाणी अखाड़े के नागा संन्यासी स्नान करेंगे.
- साथ में श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा स्नान करेगा.
- सुबह 5:50 बजे निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा स्नान करेगा.
- सुबह 6:45 बजे जूना अखाड़े का स्नान समय निर्धारित.
- आवाहन अखाड़ा, पंच अग्नि अखाड़ा साथ में स्नान करेगा.
- सुबह 9:25 बजे बैरागी अखाड़े के संत स्नान करेंगे.
- 10:05 बजे दिगंबर अनी अखाड़े के साधु-संत स्नान करेंगे.
- 11:05 बजे निर्मोही अखाड़े के साधु-संत स्नान करेंगे.
- आखिरी में उदासीन परंपरा के तीनों अखाड़े स्नान करेंगे.
- 12 बजे पंचायती अखाड़े के साधु-संत अमृत स्नान करेंगे.
- 1:05 बजे पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का समय तय.
- पंचायती निर्मल अखाड़ा दोपहर 2:25 बजे स्नान करेगा.

सुरक्षा की कैसी रहेगी व्यवस्था?

- संगम तट के घाटों पर अतिरिक्त फोर्स तैनाती रहेगी.
- सीसीटीवी कैमरे की स्क्रीन पर पैनी नजर रखी जाएगी.
- ओवरक्राउड होनओवरक्राउड होने पर कंटीजेंसी प्लान लागू किया जाएगा.

अखाड़ों के लिए क्या व्यवस्था?

- अखाड़ों के साधु-संत और उनके शिष्य स्नान घाट पर ही स्नान करेंगे.अमृत स्नान के लिए अखाड़ों के मार्गों पर लगी बैरिकेडिंग व्यवस्था मजबूत की जाएगी.
- मुख्य अमृत स्नान पर्व पर हेलिकॉप्टर से साधु-संतों पर पुष्प वर्षा hogi.                                                                -21 क्यून्तल पुष्प की उम्मीद है श्रद्धालू पर बरसाने की।
         Kumbhanagri photo 29/01/2025  day.29 जनवरी 2025 को प्रयागराज कुंभ और अमावस्या का महत्व

29 जनवरी 2025 का दिन, माघ महीने की अमावस्या को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनाता है, क्योंकि यह दिन प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले के मुख्य स्नान दिवसों में से एक होगा। माघी अमावस्या, जिसे 'मौनी अमावस्या' भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र मानी जाती है।

माघी अमावस्या का महत्व

माघी अमावस्या का सीधा संबंध मौन और आत्मचिंतन से है। इस दिन भक्त गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाने और आत्मशुद्धि का संकल्प लेते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन स्नान और दान का फल कई गुना बढ़ जाता है।

प्रयागराज कुंभ मेले की विशेषता

प्रयागराज का कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु देश-विदेश से गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर स्नान करने आते हैं। कुंभ मेले में धार्मिक गुरुओं, साधु-संतों और अखाड़ों का आना इसे और भी खास बनाता है।

29 जनवरी 2025 को कुंभ का अमावस्या स्नान

इस वर्ष 29 जनवरी को माघी अमावस्या पर संगम में स्नान का अत्यधिक महत्व होगा।

स्नान का समय: सूर्योदय से पहले संगम में स्नान करना शुभ माना गया है।

धार्मिक क्रियाएं: स्नान के बाद लोग दान, हवन और पितृ तर्पण करते हैं। कई श्रद्धालु इस दिन व्रत और मौन धारण करते हैं।

आस्था का पर्व: संगम में डुबकी लगाने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति और जीवन के दोषों से मुक्ति का अनुभव होता है।

सुरक्षा और प्रबंधन

प्रयागराज प्रशासन ने 2025 के कुंभ मेले के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। भारी भीड़ को देखते हुए स्नान घाटों पर सुरक्षा और स्वच्छता के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यातायात को सुगम बनाने और श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने के लिए विशेष मार्ग तैयार किए गए हैं।
                    Kumbhanagri video 

निष्कर्ष

29 जनवरी 2025 का माघी अमावस्या स्नान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, परंपरा और अध्यात्म का प्रतीक भी है। यह दिन श्रद्धालुओं के लिए ईश्वर से जुड़ने और अपने जीवन को पवित्र बनाने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।                                                    jankari achhi Lage to share and follow jarur kare thanks for your support 



 

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